सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ सर्व कला, संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर, अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥ शिव के चरणों में मिलते हैं सारी तीरथ चारो धाम किया https://getsocialnetwork.com/story3764297/the-shiv-chalisa-in-hindi-diaries
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